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शास्त्रीय नृत्य का कार्यक्रम, नवरंग, का तीसरा संस्करण आई.आई.टी. कानपुर में संपन्न हुआ।
कानपुर
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित विभिन्न पुरुस्कारों से नवाज़े गए प्रख्यात तबला वादक पंडित डॉ प्रशांत गायकवाड़ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की सम्मानीय अतिथि श्रीमती अरुणा करंदीकर ने कोरोना काल में कला के माध्यम से लोगों के मनोबल को संगीत और नृत्य के माध्यम से बढ़ने के लिए आयोजिका और समस्त कलाकारों की सराहना की।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती अमृता भूषण के गणेश वंदना से हुई। इसके पश्चात नृत्यमणि और चक्रधर सम्मान से सम्मानित सुश्री मोनिका गुप्ता ने गंगा अवतरण प्रस्तुत किया। सुश्री स्मृति ने इंडो-वेस्टर्न कत्थक फ्यूज़न पेश किया। महाराष्ट्र की नाद योगी कला सम्मान से शुशोभित श्रीमती मृणालिनी खाडिलकर और उनके सहयोगी कलाकारों ने शिव तांडव स्त्रोत प्रस्तुत किया। श्री आरुष और श्रीमती शुभ्रता द्वारा प्रस्तुत कृष्णा लीला ने दर्शकों का मन मोह लिया। श्रीमती अमृता भूषण के ठुमरी को भी लोगों ने खूब सराहा।
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कार्यक्रम का समापन भोपाल के नृत्य, गायन, वादन में पारंगत संगीत जगत के जाने माने कलाकार उस्ताद सलीम अल्लाहवाले के तबला वादन और ग़ज़ल से हुई। नवरंग का संचालन श्रीमती रश्मि त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम की आयोजिका श्रीमती अमृता भूषण ने बताया कि कोरोना की वजह से इस साल का कार्यक्रम इस उम्मीद के साथ ऑनलाइन किया गया कि कला के माध्यम से समाज में पाजिटिविटी ज़िंदा रखने की छोटी सी कोशिश है नवरंग और यह साल दर साल भारत भर वृहद होता जा रहा है।
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